HELPING THE OTHERS REALIZE THE ADVANTAGES OF भाग्य VS कर्म

Helping The others Realize The Advantages Of भाग्य Vs कर्म

Helping The others Realize The Advantages Of भाग्य Vs कर्म

Blog Article

हमारे ब्रह्मांड ने हमें इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए विभिन्न नियम स्थापित किए हैं। इनमें से एक है आकर्षण का नियम। यह नियम कहता है check here कि आप जो भी देते हैं, वह आपको मिलता है। कर्म इसी आधार पर काम करता है। हमारे प्रत्येक कार्य से ऊर्जा के निशान छूटते हैं, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक। और ब्रह्मांड इस ऊर्जा को उसी प्रकार हम पर वापस दर्शाता है, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक।

आचार्य जी पहुंचे और सबसे मिलने लगे, उन्होंने मुझे देखा, मुस्कुराये और सभी से थोड़ी देर बाद मिलने को कहा।

बिजनेस न्यूजट्रंप ऐसा कौन सा व्यापार करना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने शहबाज शरीफ की जगह असीम मुनीर को दावत दी?

ऐसा नहीं है, आप कर्म ही वो करते हो जो आपके भाग्य में लिखा होता है, इसका आपको पता नहीं चलता,आपको पता भी नहीं होता कि अगले एक घंटे में आप क्या सोचोगे, और आप ने आज जो सोचा है उसका नतीजा कैसा होगा,आप पहली बार कर्म करके असफल हो जाओगे या दस बार कर्म करने पर कामयाब होगे, ये भाग्य ही निर्धारित करता है,क्या आपको मालूम है कि दो महीन बाद आप कौन सा कर्म करोगे या आपको कौन सा कर्म करना पडेगा, कोई अचानक आप को मिल जाएगा जो या तो आपकी ज़िन्दगी बदल देगा या नुक्सान कर देगा,कितनी बार हम ये सोचते हैं कि ओहो ये बात मेरे दिमाग में पहले क्यों नहीं आई, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है, कर्म अपने आप में सही है, लेकिन आप कर्म भी उतना ही कर पाते हो जितना आपने भाग्य में लिखा है, जैसे आप रोटी उतनी ही खा पाते हो जितना भगवान् ने आप को पेट दे कर भेजा है.

महाराज मानते हैं कि केवल कर्म करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे सही दिशा में करना भी आवश्यक है। इसके साथ ही, भक्ति, साधना, और आत्म-अवलोकन के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बना सकता है। ईश्वर की कृपा और भक्ति से, कर्म के प्रभाव को भी बदला जा सकता है। जब व्यक्ति सच्चे मन से प्रयास करता है और धर्म के मार्ग पर चलता है, तो ईश्वर उसका मार्ग प्रशस्त करते हैं।

आचार्य जी ने सभी शिष्यों को बुलाया और समझाया:

न जाने कितने नाम हैं जिन्होंने महागारीबी से महाअमीरी तक का सफ़र तय किया

हम सब ने बचपन में संस्कृत का एक श्लोक पढ़ा है

काम्बली और तेंदुलकर का उदहारण अक्सर दिया जाता है

२ ) कई बार जिसे हम भाग्य समझ कर दोष देते हैं वो हमारा गलत डिसीजन होता है

जैसे भारत-पाकिस्तान में डील करवाई, ईरान-इजरायल के बीच भी होगी शांति: ट्रंप

आचार्य जी-तो फिर आप ज्योतिष सीख कर क्या करना चाहते हो?

आचार्य जी-नहीं, न ज्योतिष सीखना समय की बर्बादी है और न ही उसका लाभ उठाना। मगर हमें यह जानना अति आवश्यक है कि हम कर्म और भाग्य दोनों के महत्त्व को समझें और जान सकें, वरना ज्योतिष सीख कर भी तुम ऐसे सवालों का जवाब किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं दे पाओगे जो इसमें फर्क समझना चाहता है।

जब समय ख़राब हो तो ऊंट पर बैठे इंसान को भी कुत्ता काट लेता है…

Report this page